हास्य तुझे ते अजुनही मला बेहोश करते
तुझी ती कातील अदा मला नेहमिच आठवते ...
तुझे ते नशिले डोळे
अजुनही माझ्यावर राज्य करतात
तुझ्या स्मृतीतु
परतण्याची आशा दाखवतात खरे होते ग प्रेम माझे
तरी तु निघुन गेलीस
जाताना मात्र माझा
जीव जाऴुन गेलीस तरीही या वेड्या
मनाला तुझ्या परतण्याची आशा आहे
अश्रुंना तरी समज माझ्या
ही प्रेमाची भाषा आहे समज ना ग
ही भाषा एकदातरी
परतुनी ये मजजवळ
तु आतातरी..
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lajalu shabdh sudha
titka lajalu nahi ,
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khidkit ye jara..
khup diwas aali nahis;
punha man bharun baghu de
jara..
khup diwas chandra mi pahila
nahi!
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tujhe dole itke panidar aahet ki,
moti hi tyapudhe fika
pade,
hot tiche aase kase
najuk ki,
hokar denehi tyas jad pade.,
rup dekhani tu pornemichi chandni jash
chandr pahato tuzyakade
tu itki sundar kasha tu itki sundar kashi......
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